Daily Hindi Current Affairs 11 July 2025

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Daily Hindi Current Affairs 11 July 2025

Daily Hindi Current Affairs 11 July 2025
Daily Hindi Current Affairs 11 July 2025

बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, केरल और उत्तराखंड को 1066.88 करोड़ रुपये की राशि जारी की

केंद्र सरकार ने बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, केरल और उत्तराखंड को 1066.88 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी करने को मंज़ूरी दे दी है।
गृह मंत्रालय के अनुसार, असम के लिए 375 करोड़ रुपये, मणिपुर के लिए 29 करोड़, मेघालय के लिए 30 करोड़, मिज़ोरम के लिए 22 करोड़, केरल के लिए 153 करोड़ और उत्तराखंड के लिए 455 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है।
हालांकि इस वर्ष केंद्र सरकार ने राज्य आपदा राहत कोष से 14 राज्यों को 6166 करोड़ रुपये से अधिक और राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष से 12 राज्यों को 1988 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जारी की है।
इसके अलावा, राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष से पांच राज्यों को 726 करोड़ रुपये से अधिक जारी किए गए हैं।
वहीं वर्तमान मानसून के दौरान, बचाव और राहत कार्यों के लिए 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राष्‍ट्रीय आपदा मोचन बल की 104 टीमें तैनात की हैं।

नीति आयोग ने कारोबार में सुगमता और निवेश प्रोत्साहन पर उच्च स्तरीय कार्यशाला आयोजित की

  • नीति आयोग ने नई दिल्ली में कारोबार में सुगमता और निवेश प्रोत्साहन पर एक उच्च स्तरीय कार्यशाला आयोजित की, जिसमें केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ नीति निर्माता शामिल हुए।
  • आयोग द्वारा आयोजित इस उच्च स्तरीय कार्यशाला का उद्देश्य भारत में व्यापार सुधारों को गति देना और निवेश प्रोत्साहन रणनीतियों पर केंद्र और राज्यों के नीति निर्माताओं को एक मंच पर लाना था।
  • इस कार्यशाला का नेतृत्व नीति आयोग के सदस्य राजीव गौबा ने किया और सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने इसे विशेष रूप से संबोधित किया।
  • कार्यशाला में गैर-अपराधीकरण, अनुपालन में कमी, बीआरएपी कार्यान्वयन, औद्योगिक अवसंरचना, एकल खिड़की प्रणाली, कर सुधार और निवेश प्रोत्साहन रणनीतियाँ चर्चा के प्रमुख विषय रहे।
  • राज्यों ने जन विश्वास अधिनियम के तहत व्यापारिक अपराधों के गैर-अपराधीकरण और स्व-प्रमाणन जैसी पहलें साझा कीं ताकि व्यापार संचालन सरल हो।
  • लाइसेंस नवीनीकरण समाप्त करना, कारावास की धाराएँ हटाना, और अनुपालन तंत्र को आसान बनाना आदि सुधारों से कारोबारी विश्वास बढ़ाने की कोशिश काफी कारगर सिद्ध हुई है।
  • राज्यों को राष्ट्रीय व्यापार सुधार योजना (बीआरएपी) के अनुरूप कार्य करने की सलाह दी गई; उद्योग प्रतिनिधियों ने कर सुधारों और भरोसेमंद करदाता कार्यक्रम की सिफारिश की।
  • जीएसटी परिषद के सहयोगात्मक रवैये और दरों में क्रमिक कटौती को सकारात्मक बताया गया, जिससे विशेषकर छोटे कारोबारों को लाभ हुआ।
  • राज्यों ने औद्योगिक विकास, बाधा-मुक्त भूमि आवंटन और पूरी तरह डिजिटलीकृत एकल खिड़की प्रणालियों की आवश्यकता को रेखांकित किया।
  • निवेश को सतत सरकारी कार्य के रूप में स्थापित करने, डेटा एनालिटिक्स और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स के उपयोग की रणनीतियाँ साझा की गईं।
  • नीति आयोग ने राज्यों के नवाचारों को अपनाने, पीयर लर्निंग को बढ़ावा देने और एफडीआई को आकर्षित करने के लिए एक आदर्श मॉडल विकसित करने पर ज़ोर दिया।

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